भारत में पहली मोबाइल कॉल को 28 साल पूरे हो चुके हैं. 1995 में शुरू हुई यह सेवा आज भारत के करोड़ों लोगों तक पहुंच चुकी है. 28 साल पहले भारत में शुरू हुआ यह सफर पीसीओ की लंबी लाइन से निकलकर हर जेब तक पहुंच चुका है. लेकिन, क्या आप जानते हैं इसे किस कंपनी ने कब और कहां से शुरू किया था. पहली कॉल कब की गई थी. उस वक्त एक कॉल करने के कितने रुपए लगते थे. अगर नहीं तो आज हम आपको पहली टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर के बारे में जानकारी दे रहा है. साथ ही बताएगा कि कैसे मोबाइल ने बदल दी भारतीयों की जिन्दगी.
1995 में मोबाइल क्रान्ति की शुरुआत हुई थी. तब से लेकर आज की बात करें तो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलिकॉम मार्केट बन चुका है. भारत में तेजी से मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. बता दें कि 31 जुलाई, 1995 में ही पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने पहली मोबाइल कॉल कर तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम से बात की थी.
पहली कॉल : कोलकाता से दिल्ली के बीच की गई थी. ज्योति बसु ने यह कॉल कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग से नई दिल्ली स्थित संचार भवन में की थी. भारत की पहली मोबाइल ऑपरेटन कंपनी मोदी टेल्स्ट्रा थी और इसकी सर्विस को मोबाइल नेट (mobile net) के नाम से जाना जाता था. पहली मोबाइल कॉल इसी नेटवर्क पर की गई थी. मोदी टेल्स्ट्रा भारत के मोदी ग्रुप और ऑस्ट्रेलिया की टेलिकॉम कंपनी टेल्स्ट्रा का जॉइंट वेंचर था. यह कंपनी उन 8 कंपनियों में से एक थी जिसे देश में सेल्युलर सर्विस प्रोवाइड करने के लिए लाइसेंस मिला था.
इनकमिंग कॉल के भी लगते थे पैसे : भारत में मोबाइल सेवा को ज्यादा लोगों तक पहुंचने में समय लगा और इसकी वजह थी महंगे कॉल टैरिफ. शुरुआत में एक आउटगोइंग कॉल के लिए 16 रुपए प्रति मिनट तक शुल्क लगता था. गौर करने वाली बात है कि मोबाइल नेटवर्क की शुरुआत के समय आउटगोइंग कॉल्स के अलावा, इनकमिंग कॉल्स के पैसे भी देने होते थे. ऐसा माना जाता है कि मोबाइल सेवा शुरू होने के 5 साल बाद तक मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या 50 लाख पहुंची. लेकिन इसके बाद यह संख्या कई गुना तेजी से बढ़ी.
अगले 10 साल में मोबाइल सब्सक्राइबर्स बेस बढ़कर 687.71 मिलियन हो गया. 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इंटरनेट कनेक्टिविटी का तोहफा भारत के लोगों को दिया. कंपनी ने देश में गेटवे इंटरनेट ऐक्सिस सर्विस के लॉन्च का ऐलान किया. शुरुआत में यह सेवा चारों मेट्रो शहरों में ही दी गई.