पारिजात वृक्ष (Parijat Tree) को भी ‘न्यक्तान्था’ (Nyctanthes arbor-tristis) के नाम से जाना जाता है, और यह भारतीय उपमहाद्वीप का मूलभूत वृक्ष है। पारिजात वृक्ष का फूल अत्यधिक खास होता है, जो रात्रि के समय में खिलता है और सुबह गिर जाता है। इसके फूल का खुशबूदार अर्थ कारण यह भी ‘सुबह-शाम’ वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में भी पारिजात वृक्ष की खासता है, और यहां पर भी इसके पौधे विशालता से पाए जा सकते हैं। पारिजात के फूलों का उपयोग आमतौर पर पूजा-अर्चना और धार्मिक आयोजनों में किया जाता है।
हिंदी में “हर शिंगार” या “कल्पवृक्ष” के नाम से भी जाना जाता है, एक पौधे की प्रजाति है जिसका वैज्ञानिक नाम “Nyctanthes arbor-tristis” है। यह एक खूबसूरत फूलों वाला पौधा होता है जिसके फूल सफेद होते हैं और उनकी खुशबू भी बेहद मधुर होती है।
यह पौधा हिन्दू मिथकों और कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सुप्रभात काल में इसके फूलों की खुशबू को सुनकर लोग इसकी पूजा करते हैं और यह धार्मिक आयोजनों में भी प्रयुक्त होता है।