सुमित्रानंदन पंत की जीवनी:

सुमित्रानंदन पंत, जिनका जन्म 20 मई 1900 को कैलास पर्वत क्षेत्र, उत्तराखंड, भारत में हुआ था, भारतीय साहित्य में महान कवियों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने अपने काव्य और गद्य रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को अद्वितीय ढंग से व्यक्त किया।

पंत का शिक्षा में रुचि बचपन से ही था और उन्होंने वाराणसी विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शैक्षिक उपलब्धियों के बाद वे शिक्षक बने और उन्होंने कई विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया।

पंत की कविताएँ उनके गहरे भावनात्मक अनुभवों का प्रतिष्ठान रखती हैं और उन्होंने विभिन्न विषयों पर अपनी कविताओं में राष्ट्रीय एकता, प्रेम, भावनाओं की मधुरता आदि को बहुत ही सुंदरता से प्रकट किया। उनकी कविताओं का भाषा उनकी विचारधारा को प्रकट करती है और उनकी रचनाओं में हिमालय की सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन विशेष रूप से पाया जाता है।

पंत की प्रमुख कृतियों में “गोपाल” और “यमुना” आदि शामिल हैं, जिनमें वे प्रेम और भावनाओं की अत्यधिक मधुरता के साथ गहरे राष्ट्रीय भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

सुमित्रानंदन पंत को 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने जीवनकाल में भारतीय साहित्य को एक नई दिशा देने का काम किया और उनकी रचनाएँ आज भी हमारे साहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से में उपयोग होती हैं।

सुमित्रानंदन पंत का 28 दिसंबर 1977 को निधन हो गया, लेकिन उनकी कविताएँ हमें उनके महान योगदान की याद दिलाती हैं और उनकी श्रेष्ठता को स्मरणशील रखने में सहायक होती हैं।

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